पृथ्वी के अलावा अन्य किसी ग्रह पर जीवन की संभावना के बारे में दुनियाभर के वैज्ञानिक पता लगाने में जुटे हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह से सफलता हाथ नहीं लगी है. पृथ्वी पर बढ़ते आबादी के बोझ से छुटकारा पाने के लिए बाहरी ग्रहों पर जीवन की तलाश करना बेहद जरूरी हो गया है. वैज्ञानिक इस दिशा में लगातार काम भी कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मंगल ग्रह ही एक ऐसा मात्र ग्रह है जहां जीवन की संभावना है. इसीलिए हर दूसरा देश ‘मिशन मंगल’ (Mission Mars) लॉन्च कर वहां पहुंचने की जल्दबाजी में है.
सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि फरवरी के महीने में कई देशों के यान लंबी दूरी की यात्रा कर एक साथ वहां पहुंचने वाले हैं. ऐसे में लग रहा है कि पृथ्वी (Earth) की ही तरह अब मंगल पर भी जाम की स्थिति पैदा हो जाएगी. क्योंकि यहां किसी चीज के बारे में कल्पना नहीं की जा सकती वहां एक साथ कई यानों का उतरना पृथ्वी की तरह ही जाम लगने का संकेत देते हैं. बता दें कि मंगल ग्रह (Mars) पर अब तक सिर्फ अमेरिका (America) का यान ही पहुंचा है.
इस देश ने 8 बार इस कारनामे को अंजाम दिया है. नासा (NASA) के दो लैंडर, इनसाइट (Insight) और क्यूरियोसिटी (Curiosity) वहां संचालित हो रहे हैं. इन दोनों के अलावा 6 अन्य यान मंगल की कक्षा से वहां की तस्वीरें पृथ्वी पर भेज रहे हैं. जिनमें अमेरिका से 3, यूरोपीय देशों से 2 और भारत का भी एक यान शामिल हैं. इसी कड़ी में अब यूएई (UAE) यानी संयुक्त अरब अमीरात भी जुड़ गया है. यूएई ने अपना यान वहां सफलतापूर्व लैंड करवा दिया है. माना जा रहा है कि पृथ्वी के शक्तिशाली देश अब मंगल ग्रह पर भी अपना दबदबा दिखाने के लिए आतुर हैं. फरवरी में यूएई का यान मंगल पर पहुंच चुका है, और दस फरवरी को चीन (China) का यान भी मंगल पर पहुंच गया और अब 18 फरवरी को नासा (NASA) का एक यान मंगल ग्रह पर लैंड करेगा.
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संयुक्त अरब अमीरात (UAE), चीन (China) और अमेरिका (America) के अंतरिक्ष यान लंबी यात्रा के बाद मात्र 11 दिनों के अंदर मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाले हैं. यूएई का होप (HOPE) अंतरिक्ष यान (HOPE Mars Mission) करीब 7 महीने पहले लाल ग्रह (Red Planet) मंगल के लिए रवाना किया गया था और बुधवार को मंगल की कक्षा में प्रवेश भी कर गया. यूएई का होप यान करीब 120,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर लगा रहा है. मंगल के गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) के पकड़ में आने के लिए यूएई के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष यान के इंजन को करीब 27 मिनट तक चालू रखा.
यह अपने पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में प्रवेश करने में सफल रहा है. बता दें कि मंगल ग्रह पर 61 सालों में अब तक 58 मिशन (Mars Mission) भेजे जा चुके हैं. अब तक सबसे ज्यादा मिशन अमेरिका ने भेजे हैं. अमेरिका ने अब तक 29, सोवियत संघ/रूस ने 22 और यूरोपीय संघ ने 4 भेजे हैं. वहीं, भारत, चीन और यूएई ने मंगल पर 1-1 मिशन भेजा है.