राम मंदिर में पुरानी मूर्ति कहां होगी विराजमान? मुख्य पुजारी ने दर्शन से लेकर सभी सवालों का दिया जवाब

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Acharya Satyendra Das Statement On Ram Mandir Pran Pratishtha : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर सजधर कर तैयार हो गया है। देशवासियों को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था, आखिर वो घड़ी नजदीक आ गई है। रामलला सोमवार को अपने गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। अब सवाल उठता है कि अगर रामलला की नई मूर्ति विराजमान हो जाएगी तो पुरानी मूर्ति का क्या होगा, इसे लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बड़ा बयान दिया है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज एकादशी है। इसी एकादशी के शुभ मुहूर्त में आज शाम 8 बजे रामलला की पुरानी मूर्ति को भी नई मूर्ति के साथ गर्भगृह में स्थापित कर दिए जाएंगे। दोनों नई और पुरानी मूर्तियां एक साथ अगल-बगल ही रहेंगी।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन कर सकेंगे भक्त

श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि 16 जनवरी से शुरू हुआ अनुष्ठान 22 जनवरी को पूरा हो जाएगा। सोमवार को दोपहर 12.30 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। आरती, स्थान और सारी प्रक्रिया के बाद तिलक लगाकर रामलला को सजा दिया जाएगा। उसके बाद भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे।

देश-विदेश से आएंगे मेहमान

आपको बता दें कि श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में देश-विदेश से लोग जुटेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसके गवाह बनेंगे। प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त सिर्फ 84 सेकंड का है। यानी 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक ही इसका शुभ योग है।

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