रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद जयंत चौधरी को ये बड़ा झटका लगा है। जिसमें पार्टी के पुराने कार्यकर्ता रहे भूपेंद्र चौधरी ने अपना इस्तीफा पार्टी से दिया है। उन्होंने अपने सोशल अकाउंट पर अपने इस्तीफे से जुड़ी पोस्ट भी की है।
अपने पोस्ट में भूपेंद्र चौधरी ने लिखा कि आज बड़े भारी मन से मैं रालोद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। भूपेंद्र चौधरी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि इन सालों में राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं, कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए साथ सहयोग और सम्मान का मैं आभारी रहूंगा। भारी मन से आज मैं राष्ट्रीय लोकदल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। जय जवान, जय किसान।
एनडीए गठबंधन से खुश नहीं पार्टी नेता
माना जा रहा है कि एनडीए गठबंधन के बाद रालोद में अंदरूनी माहौल काफी बदला है। पार्टी नेताओं को तवज्जो नहीं दी जा रही। जो रालोद पहले किसान, मजदूर, महिलाओं, पिछड़ों के हक की बात करती थी। सरकार की गलत नीतियों का विरोध करती थी उसमें अब कार्यकर्ताओं पर सरकार के साथ चलने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके कारण कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं।
2 महीने में 4 बड़े लोगों ने छोड़ी रालोद
राष्ट्रीय लोकदल के एनडीए से गठबंधन करने के बाद से रालोद में इस्तीफों का दौर जारी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पोस्टहोल्डर शाहिद सिद्दकी ने सबसे पहले रालोद से इस्तीफा दिया। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकर्ता रोहित जाखड़, प्रशांत कनौजिया भी चुनाव से पहले इस्तीफा दे चुके हैं। एनडीए से गठबंधन के बाद 3 बड़े चेहरों ने रालोद से विदाई ले ली है। अब भूपेंद्र चौधरी चौथा ऐसा बड़ा नाम है जो रालोद से इस्तीफा दे चुके हैं।
लोकसभा चुनाव में रालोद ने जीती 2 सीटें
हालिया लोकसभा चुनाव में रालोद ने 2 लोकसभा सीटो ंपर जीत दर्ज कराई है। एनडीए से गठबंधन में रालोद के खाते में बागपत और बिजनौर लोकसभा सीट आई थी। दोनो ंसीटों पर रालोद ने जीत दर्ज कराई है। बागपत में डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर में रालोद के मीरापुर से विधायक रहे चंदन चौहान जीते हैं। अब मीरापुर सीट पर उपचुनाव होगा। माना जा रहा है कि पार्टी यहां से बिजनौर के पूर्व सांसद और बसपा नेता रहे मलूक नागर या उनके परिवार से किसी को टिकट दे सकती है। लोकसभा चुनाव के वक्त मलूक नागर बसपा छोड़ रालोद में आ गए थे। हाल में पार्टी ने उन्हें राजस्थान का प्रभारी बनाया है।