Rapid Rail Project: मेरठ मेट्रो की पहली ट्रेन की झलक आई सामने, रैपिड रेल प्रोजेक्ट को मिलेगा बूस्ट

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मेरठ मेट्रो ट्रेन सेट: दिल्ली मेरठ रैपिड रेल परियोजना पूर्णता की ओर बढ़ रही है। इस रूट का पहला ट्रेन सेट शुक्रवार को जनता के लिए प्रदर्शित किया गया। रैपिड रेल कॉरिडोर के मेरठ सेक्शन के इस ट्रेन सेट को गुजरात के सावली में दिखाया गया. इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को सौंप दिया गया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने खुशी जताई और कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

इस ट्रेन सेट को देश में ही डिजाइन किया गया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर (आरआरटीएस) के एक खंड का उद्घाटन किया। अब यह प्रोजेक्ट पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। इस ट्रेन सेट को देश में ही डिजाइन किया गया है. हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने की हमारी क्षमताओं को प्रदर्शित करता है. देश में यह एमआरटीएस ट्रेन सेट बनाकर हमने पूरी दुनिया को अपनी क्षमताएं दिखाई हैं।

17 किमी सेक्शन पर चल रही रैपिड रेल

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर 82 किमी का एक खंड है। इसमें से साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किमी के सेक्शन पर रैपिड रेल का संचालन किया जा रहा है। जून 2025 से इस पूरे रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। मेरठ कॉरिडोर पर 23 किमी में 13 स्टेशन होंगे। इनमें से 18 किमी हिस्सा ऊंचा और 5 किमी भूमिगत होगा। इस रूट पर प्रस्तावित स्टेशन मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौराली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो होंगे।

प्रत्येक ट्रेन की क्षमता 700 यात्रियों की होगी.

मेरठ मेट्रो के लिए एल्सटॉम की ओर से 10 ट्रेन सेट उपलब्ध कराए जाएंगे। ये तीनों कोच के होंगे. प्रत्येक ट्रेन की क्षमता 700 यात्रियों की होगी. एल्स्टॉम 15 साल तक इनका रखरखाव करेगा। ये सभी ट्रेनें आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी. इनमें स्वचालित ट्रेन सुरक्षा, स्वचालित ट्रेन नियंत्रण और स्वचालित ट्रेन संचालन की सुविधा होगी।

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