कर्नाटक। दस साल पहले दलितों के घर जलाने वाले 101 दोषियों को उम्रकैद की सजा

आँखों देखी
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कोप्पल (कर्नाटक): कोप्पल जिले की एक अदालत ने दलित समुदाय की बस्ती में आग लगाने के मामले में 101 लोगों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों को हाल ही में दोषी ठहराया गया था और गुरुवार को अदालत ने सजा सुनाई। राज्य के इतिहास में यह पहला मामला है जब किसी अत्याचार के मामले में इतनी बड़ी संख्या में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

सभी आरोपियों के परिवार के सदस्य कोप्पल अदालत परिसर में एकत्र हुए थे और पुलिस द्वारा उन्हें जेल ले जाते समय उनकी आंखों में आंसू थे। आरोपियों को कोप्पल जिला जेल ले जाया जाएगा और बाद में उन्हें बल्लारी जेल स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

जानें क्या था पूरा मामला

जाति आधारित हिंसा से जुड़ा यह मामला 28 अगस्त 2014 को गंगावती तालुका के मारकुंबी गांव का है। आरोपियों ने दलित समुदाय के लोगों के घरों में आग लगा दी थी। दलितों को नाई की दुकान और ढाबों में प्रवेश से मना करने को लेकर झड़प शुरू हुई थी। गांव में छुआछूत पर सवाल उठाने वाले कुछ दलित युवकों की सक्रियता से नाराज होकर आरोपियों ने दलितों की बस्ती में घुसकर उनकी झोपड़ियों में आग लगा दी थी। आरोपियों ने घरों को भी नष्ट कर दिया और दलितों पर हमला किया।

16 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत

इस घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस मामले में 117 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिनमें से 16 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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