हाईकोर्ट के जज ने की मुस्लमानो के खिलाफ विवादित टिप्पणी‚ कपिल सिब्बल बोले जज के खिलाफ लाएंगे महाभियोग प्रस्‍ताव

आँखों देखी
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव के ‘कठमुल्ले’ वाले बयान पर राज्यसभा सांसद और वकील कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी। दिल्ली में उन्होंने कहा- यह भारत को तोड़ने वाला बयान है। जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव लाएंगे।

सिब्बल ने ये भी कहा कि राजनेता भी ऐसी बात नहीं करते। वे संविधान की रक्षा के लिए बैठे हैं। उनको ये शब्द शोभा नहीं देते। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें। वहीं, जस्टिस यादव के बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट भी मांगी है।

जस्टिस शेखर बोले- जो बात ज्यादा लोगों को स्वीकार, वही मंजूर होती है

जस्टिस शेखर यादव रविवार को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यक्रम शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था- मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि यह हिंदुस्तान है और यह देश यहां रहने वाले बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा। मैं यह बात हाईकोर्ट के जज के तौर पर नहीं बोल रहा। आप अपने परिवार या समाज को ही लीजिए कि जो बात ज्यादा लोगों को मंजूर होती है, उसे ही स्वीकार किया जाता है।

लेकिन यह जो कठमुल्ला हैं, यह सही शब्द नहीं है, लेकिन कहने में परहेज नहीं है, क्योंकि वह देश के लिए बुरा है। घातक है। देश के खिलाफ हैं। जनता को भड़काने वाले लोग हैं। देश आगे न बढ़े, ऐसा सोचने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।

राज्यसभा सांसद ने कहा- मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट को सख्त कदम उठाने चाहिए और उस शख्स को कुर्सी पर नहीं बैठने देना चाहिए। एक भी केस उसके पास नहीं जाना चाहिए।

ये पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है, ये न्यायपालिका के स्वतंत्रता की बात है। पीएम, गृह मंत्री और सत्ता में बैठे लोग हमारा साथ दें, क्योंकि अगर वो नहीं देंगे तो लगेगा कि वो जज के साथ हैं, क्योंकि कोई ऐसा नहीं कर सकता। कोई नेता भी ऐसा बयान नहीं दे सकता है, तो एक जज कैसे दे सकता है।

पीएम और सत्ता पक्ष हमारा साथ दें और महाभियोग प्रस्‍ताव का साथ दें और एक संदेश दें कि कोई भी जज ऐसा बयान नहीं दे सकता है और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को देखना चाहिए कि ऐसे लोग जज न बनें।

जस्टिस के बयान पर किसने क्या कहा

  • चंद्रशेखर आजाद (सांसद, यूपी)- प्रयागराज, यूपी में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव का बयान न्यायिक गरिमा, संविधान के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और समाज में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी का गंभीर उल्लंघन है। ऐसे बयान न्यायपालिका की साख को कमजोर करते हैं। ‘कठमुल्ला’ जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी प्रश्न चिह्न लगाता है। ऐसे बयान समाज में सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देते हैं, जो न्यायपालिका जैसे पवित्र संस्थान के लिए अक्षम्य है। एक न्यायाधीश का कर्तव्य है कि वह अपने शब्दों और कार्यों के माध्यम से समाज को एकजुट करे, न कि वैमनस्य को बढ़ावा दे।
  • शलभ मणि त्रिपाठी (देवरिया से भाजपा विधायक)- हमारे यहां बच्चा जन्म लेता है तो उसे ईश्वर की तरफ ले जाते हैं, वेद मंत्र बताते हैं, उनके यहां बच्चों के सामने बेजुबानों का बेरहमी से वध होता है, सैल्यूट है जस्टिस शेखर यादव, सच बोलने के लिए।
  • महुआ मोइत्रा (TMC सांसद, प.बंगाल)- वीएचपी के कार्यक्रम में शामिल हुए हाईकोर्ट के मौजूदा जज, कहा- देश हिंदुओं के मुताबिक चलेगा और हम अपने संविधान के 75 वर्ष का जश्न मना रहे हैं! सुप्रीम कोर्ट, माननीय सीजेआई- क्या किसी ने स्वतः संज्ञान लिया?
  • अब जस्टिस शेखर कुमार यादव के बारे में जानिए…

    • वर्तमान में शेखर कुमार यादव इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश हैं।
    • इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1988 में लॉ ग्रेजुएट शेखर कुमार यादव ने 1990 में वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था।
    • उन्हें 12 दिसंबर, 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
    • 26 मार्च, 2021 को उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
    • अपनी पदोन्नति से पहले उत्तर प्रदेश राज्य के स्थायी वकील रहे।
    • भारत संघ के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील रहे।
    • यूपी की अदालतों में रेलवे के लिए स्थायी वकील का पद संभाला था।
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