G-20 समिट: विदेशी मेहमानो के स्वागत में मोदी सरकार ने खर्च किए 4254 करोड़ रूपए

आँखों देखी
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नई दिल्ली: भारत में जी20 समिट का भव्य आयोजन का समापन हो गया है। दुनिया भर के ताकतवर देश जी20 समिट के लिए भारत आए हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान समेत जी20 के सदस्य देश भारत पहुंचे। पीएम मोदी ने सभी वैश्विक नेताओं का भारत की धरती पर स्वागत किया। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि इस आयोजन पर मोदी सरकार ने इतना पैसा खर्च किया है कि कई देशों का सालाना बजट भी इतना नही है। हालांकि इस आयोजन से भारत ने दुनिया के सामने देश की भव्यता, संस्कृति और भारत बढ़ती वैश्विक ताकत से रूबरू करवाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक जी20 शिखर सम्मेलन पर राजधानी को सजाने में 4254.75 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इन खर्चों को 12 श्रेणियों में बांटा गया। सुरक्षा, सड़कों, फुटपाथों, स्ट्रीट साइनेज और लाइटिंग आदि पर खर्च किया गया है। हालांकि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार ने बजट में G-20 समिट के लिए केवल नौ सो करोड़ रूपए निर्धारित किए थे लेकिन उससे चार गुणा पैसा इस पर खर्च किया गया।
अब बात करते हैं कि इस समिट से भारत को क्या मिलेगा, इसे समझते हैं। जी20 के भव्य आयोजन से भारत की ग्लोबल लीडर के तौर पर छवि बन रही है। दुनिया भारत के इस ताकत को देख पा रही है। भारत की साख दुनियाभर में बढ़ने वाली है। ऐसे वक्त में जी20 का आयोजन हो रहा है, जब भारत की इकॉनमी तेज रफ्तार से दौड़ रही है। भारत दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था से तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी बढ़ रहा है। ऐसे वक्त में जी20 की अध्यक्षता करना भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा मौका है।

 भारत को क्या मिलेगा​

इस शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शामिल हुए। भारत की जमीं पर कदम रखते ही उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने उनका जोरदार स्वागत किया। भारत और अमेरिका के बीच तेजी से आर्थिक संबंध बढ़ रहे है। इस शिखर सम्मेलन से उसमें और तेजी आने वाली है। इतना ही नहीं चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर या कोल्ड वॉर का फायदा भारत को मिल सकता है। चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती दूरी से अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत एक बड़े विकल्प के तौर पर उभर कर आ रहा है।

चीन में अमेरिकी आईफोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। अमेरिका चीन की दादागिरी को समझ चुका है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संबंध व्यापार को बढ़ावा देंगे। अमेरिकी कंपनियां भारत का रूख कर सकती है। जिसका फायदा भारत की इकॉनमी पर होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी के बीच जी20 शिखर सम्मेलन के शुरू होने से एक दिन द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच रीन्यूएबल इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट फंड पर सहमति बनी है। इसके लिए दोनों देश मिलकर 1 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। इससे रीन्यूएबल एनर्जी, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने का मौका मिलेगा।

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक जी20 में शामिल होने भारत आए हैं। इस समिट के दौरान ऋषि सुनक और पीएम मोदी के बीत द्विपक्षीय बातचीत होगी। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, अनाज समझौता, कोरोना वैक्सीन रिसर्च, एमएससीए फाइटर जेट इंजन को लेकर बातचीत हो सकती है। ब्रिटेन के साथ- जर्मनी जी20 देशों के बीच सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन, क्लीन एनर्जी यूपीआई आदि पर चर्चा होगी। पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलॉनी के साथ भी द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। दोनों देशों के बीत हेलिकॉप्टर, रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर आदि पर बातचीत होगी।

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