गुजरात के सूरत जिले में शनिवार को तड़के सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इनकी तीव्रता 3.8 बताई गई है। भूकंपीय अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। भूकंप का केंद्र सूरत से 27 किलोमीटर की दूरी पर बताया जा रहा है।

जानमाल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं

उन्होंने कि सूरत के पश्चिम दक्षिण पश्चिम (डब्ल्यूएसडब्ल्यू) से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर इसके उपरिकेंद्र के साथ 12:52 बजे भूकंप दर्ज किया गया था। जिला आपदा प्रबंधन के एक अधिकारी ने कहा, “5.2 किलोमीटर की गहराई में भूकंप दर्ज किया गया था, और उपरिकेंद्र जिले में हजीरा से दूर अरब सागर में था। झटके से संपत्ति या जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।”

गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (GSDMA) के अनुसार, राज्य में भूकंप का काफी ज्यादा खतरा है और यहां 1819, 1845, 1847, 1848, 1864, 1903, 1938, 1956 और 2001 में आए भूकंप के कारण बड़ी घटनाएं देखी गई हैं। 2001 में कच्छ भूकंप पिछली दो शताब्दियों में भारत में तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था, जिसमें 13,800 से अधिक लोग मारे गए थे और 1.67 लाख घायल हुए थे।

24,000 पहुंची तुर्की में मरने वालों की संख्या

तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप (Turkey-Syria Earthquake) में मरने वालों की संख्या 24,000 के करीब पहुंच गई है। अभी भी यहां बचाव अभियान जारी है। बारिश और कड़ाके की ठंड के कारण बचाव अभियान मुश्किल भरा हो गया है। इसके बावजूद बचावकर्मी लगातार लोगों की मदद में जुटे हैं। तुर्की में 3000 भारतीय भी हैं। यहां भारत के राजदूत वीरेंद्र पॉल ने बताया कि बहुत से भारतीय भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से बाहर चले गए हैं। उन्होंने बताया, “हम उनके संपर्क में हैं। हमें अभी तक किसी भारतीय के फंसे होने की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया, “पांच C-17 विमान पहले ही आ चुके हैं। हम खोज, बचाव कार्यों और मेडिकल रिलीफ पर फोकस कर रहे हैं। 101 NDRF टीम के सदस्य गाजियांटेप में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।”

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