काशी विश्वनाथ की तरह “हर की पैड़ी” पर बनेगा कॉरिडोर‚ मंदिर टूटने की आशंका पर भड़के सुब्रमण्यम स्वामी

हर की पोडी ( फोटो साभार NBT)

उत्तराखंड:  BJP नेता और पूर्व कानून मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी की सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर हरकी पौड़ी को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का कोई औचित्य नहीं है. स्वामी ने कहा कि यहां अच्छी सड़कें बना दी जाएं बस यही काफी है।

स्वामी ने धामी सरकार पर सवाल उठाते हुए विधानसभा के 228 कर्मियों को बर्खास्त करने के फैसले को भी गलत बताया है और इसे अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए सीएम से कर्मियों की बहाली की मांग की. सुब्रमण्यम स्वामी ने यह भी कि वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे।

सुब्रमण्यम स्वामी (फोटो साभार आज तक)

रविवार को हरिद्वार स्थित अटल बिहारी स्टेट गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कॉरिडोर बनने की सूचना उनके संज्ञान में आई है. कॉरिडोर बनाने का कोई औचित्य नहीं है। अच्छी सड़कें ही काफी हैं, क्योंकि वाराणसी में भी कॉरिडोर बनने से लोग नाखुश हैं।

कारीडोर बना तो मंदिरो काे तोड़ना पड़ेगा

कहा, इसके लिए कई मंदिरों को तोड़ना पड़ा, इसलिए यहां ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए, मैं इसका विरोध करता हूं। मुख्यमंत्री योजना के बारे में सोच रहे अधिकारियों को समझाएं कि ऐसा करना पवित्र भूमि को ठेस पहुंचाने के समान होगा। उन्हाेने कहा कि कर्मियों की नियुक्ति व नियमितीकरण उत्तराखंड विधानसभा में 2001 से 2015 तक किया गया, लेकिन उसके बाद 2016 से सभी की छुट्टी होने लगी.

कर्मियों की बर्खास्तगी भारतीय संविधान का उल्लंघन करती है

स्वामी ने कहा, कि 2001 से 2015 तक सभी को नियमित किया गया, लेकिन 2016 के बाद कर्मियों को अकारण बर्खास्त करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। उन्होने कहा कि, मामला अभी सुप्रीम कोर्ट तक नहीं पहुंचा है। हम इसे सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की रणनीति बनाएंगे, लेकिन मुझे उम्मीद है कि 2001 से 2015 तक नियमित किए गए कर्मचारियों की तरह ही सीएम खुद कर्मचारियों को नियमित करने और बहाल करने का फैसला करेंगे.

स्वामी ने कहा, नहीं तो यह (सरकार) कोर्ट में हार जाएगी, मैं विश्वास के साथ कहता हूं।  मैंने आज तक जितने भी केस लड़े हैं, उनमें जीत हासिल की है। अब 288 कर्मचारियों को उज्जवल बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे, यह तब तक नहीं होगा जब तक हम इस मामले को पूरी तरह से छोड़ नहीं देते.

मुख्यमंत्री को पत्र लिखा
बर्खास्त कर्मियों को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी ने कुछ दिन पहले सीएम धामी को पत्र लिखा है. कहा, एक ही संस्थान में एक ही प्रक्रिया से नियुक्ति पाने वाले कर्मियों की वैधता में दो अलग-अलग फैसले कैसे हो सकते हैं। कुछ लोगों को उनकी नियुक्ति अवैध घोषित होने के बाद भी बचा लिया गया, जबकि कुछ को अवैध घोषित कर बर्खास्त कर दिया गया। यह कार्रवाई कहीं से भी उचित नहीं लगती।

बर्खास्त कर्मचारी भी पहुंचे
विस से बर्खास्त सभी कर्मचारी हरिद्वार पहुंचे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बर्खास्त कर्मचारी मौजूद थे। इस दौरान पूर्व कानून मंत्री का माल्यार्पण कर स्वागत भी किया गया। इस दौरान गिरीश सिंह, प्रदीप सिंह, मुकेश, कपिल धोनी, गीता नेगी, भगवती सैनी, पुष्पा बिष्ट, बबीता कंडारी, नेहा कंथूरा आदि शामिल रहे।

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