झारखंड में फुल मार्क्स से पास हुई चंपई सोरेन सरकार, 47 वोट से साबित किया बहुमत

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झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया है. चंपई सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 29 वोट पड़े. इससे पहले विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए चंपई सोरेन ने अपने भाषण में कहा कि विपक्ष ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की. फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया शुरू होने से पहले विधानसभा में बोलते हुए नए सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत हैं तो हिम्मत है. बता दें कि फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया के दौरान कोर्ट की अनुमति से राज्य के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी विधानसभा में मौजूद रहे.

चंपई सोरेन ने अपने भाषण में क्या कहा?

फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा में चंपई सोरेन ने कहा, ”विपक्ष ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की. कोरोना महामारी में हेमंत सरकार ने अच्छा काम किया. हेमंत के कुशल नेतृत्व में झारखंड आगे बढ़ा. जिस परिवार में कभी शिक्षा का दीपक नहीं जला जलाया।” , हम उस परिवार में एक दीपक जलाएंगे। क्या ये ग़लत है? केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. हेमंत सोरेन पर गलत आरोप लगाये गये. हमारी योजनाओं को कोई मिटा नहीं सकता. हम गर्व से कहेंगे कि हम पार्ट-2 हैं.” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हेमंत सोरेन की योजना हर घर में दिख रही है. आप लोगों के दिलों में जले दीपक को नहीं बुझा सकते.

विधानसभा में क्या बोले हेमंत सोरेन?

विधानसभा में बोले पूर्व सीएम .पहली बार देश के सीएम को गिरफ्तार किया गया. मैंने हार नहीं मानी. आदिवासी दलितों के प्रति नफरत का माहौल बनाया जा रहा है. हमें जंगल जाने को कहा जा रहा है. अगर उनका वश चले तो वे जायें हमें जंगल भेज दो. मैं आंसू नहीं बहाऊंगा. मैं अपने आंसू कुछ देर रोककर यह साबित कर दूंगा कि जमीन मेरे नाम पर है. अगर मैं घोटालेबाज साबित हुआ तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. वे ऐसा नहीं कर पाएंगे मुझे सलाखों के पीछे रखकर अपने मंसूबों में कामयाब हो जाओ। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स आदि। देश की व्यवस्थाएं संवेदनशील हैं। उन्होंने उस व्यक्ति का बाल भी बांका नहीं किया जो देश से 12 लाख करोड़ रुपये ले गया।”

31 जनवरी को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई

आपको बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद चंपई सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुना गया. चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच झामुमो के नेतृत्व वाले 40 विधायक हैदराबाद चले गए थे। मतदान में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम को रांची लौटे थे.

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