जैसे-जैसे भारत (india) कोरोना वायरस (Corona Virus) की पहली लहर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लोगों का नजरिया बदलने लगा। इस बात की पुष्टि तब हुई जब नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स (एआईसीसीडी) को रिपोर्ट मिली। इस हिसाब से देश में सैनिटाइजर (Sanitizer) की बिक्री (sale) में 85 फीसदी की गिरावट आई है और पिछले साल जुलाई से मास्क की बिक्री में 35 फीसदी की गिरावट आई है।
एआईओसीडी के अध्यक्ष जेएस शिंदे का कहना है कि मास्क और सैनिटाइजर का कारोबार आज जितनी तेजी से बढ़ा है। चालान से बचने के लिए मास्क खरीदना लेकिन बिक्री अभी भी कम होती है। अग्रवाल ने कहा, मुझे नहीं लगता कि लोग इस समय पर्याप्त देखभाल कर रहे हैं कि साबुन से हाथ धोएं और अगर यह कीटाणु नहीं हैं तो संक्रमण को खुद से दूर रखें। नतीजतन, दैनिक संक्रमण के मामलों में गिरावट की जगह में वृद्धि हो रही है।
जब घर में थे तब खूब खरीदा, अब बाहर हैं तो…
15 से 31 मार्च 2020 तक देशभर में 99 हजार सैनिटाइजर की बोतलें बिकीं। लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए भी लोग जर्म-फ्री और मास्क खरीद रहे थे। नतीजतन, जुलाई 2020 तक देश में 8.50 लाख दवा दुकानों से 24 लाख से ज्यादा सैनिटाइजर की बोतलें बेची गईं। पिछले अगस्त में 15.74 सैनिटाइजर की बोतलें बेची गईं और सितंबर में 13.61 बोतलें बेची गईं। लेकिन सितंबर में पहली बार बिक्री में गिरावट आई है और फरवरी में यह तीन लाख से कम है।