Meerut Latest News:- कुछ दिन पहले खबर आई थी कि पांच महीने की बच्ची तीरा स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गई है। उसकी जान बचाने के लिए 22 करोड़ रुपये का इंजेक्शन है। जो कि इस बच्ची को लगना है। जिसके लिए लोगों ने 16 करोड़ रुपये दान कर दिए थे, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने 6 करोड़ रुपये का टैक्स माफ किया था।
आपको बता दे कि तीरा जैसी एक बच्ची अब उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) में प्रकाश में आई है। ईशानी वर्मा (Ishani varma) डेढ़ साल की लड़की है। इशानी स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) टाइप 2 जैसे जैसी गंभीर बीमारी से भी पीड़ित हो गई हैं। इशानी का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है, और जोलाबेन्स्मा (Zolgensma) का 22 करोड़ का इंजेक्शन भी उसकी जिंदगी के लिए लगाया जाना है। इशानी के परिवार के लिए इतना महंगा इंजेक्शन लगाना नामुमकिन है, लेकिन तीरा के माता-पिता की तरह इशानी वर्मा के पिता ने सोशल मीडिया पर लोगों से मदद मांगी है।
इशानी ब्रह्मपुरी की रहने वाली है
आपको बता दे कि इशानी मेरठ के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में रहती है। इशानी के पिता अभिषेक वर्मा प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, जबकि माता हाउस वाइफ हैं। इशानी का जन्म 27 अगस्त 2019 को हुआ था। इशानी के पिता अभिषेक ने बताया है कि इशानी के पिता ने बताया है कि जन्म के बाद सात से आठ महीने तक ईशानी एक सामान्य बच्चे की तरह थी, लेकिन इसके बाद उसके पैर धीरे-धीरे हिलने से रुकने लगे। अब उसकी उम्र डेढ़ साल है। इस समय पैर बिल्कुल भी नहीं हिल पाता है। थोड़ी सी हरकत पैरों के पंजों में ही तोही है। इस बीमारी का असर इशानी के हाथों पर पड़ने लग गया है। सीधा हाथ बहुत कम हिल पाता है।
गंगाराम अस्पताल में इस बात कि हुई पुष्टि
अभिषेक वर्मा ने बताया कि वह 26 दिसंबर को एम्स गए थे, लेकिन जुलाई तक इंतजार करने को कहा गया था। इसके बाद वह इशानी को गंगाराम अस्पताल गए। 26 दिसंबर को उसने अपना ब्लड सैंपल दिया। यह रिपोर्ट 12 जनवरी को आई और डॉक्टरों नेस्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी के स्टेज 2 की पुष्टि की। इशानी के पिता ने बताया कि बेटी के पास इस बीमारी की सिर्फ एक दवा है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है। फंड जुटाने के लिए मिलाप और उन्होंने इंपेक्ट गुरु का सहारा लिया।
उन्हे है देशवासियों से उम्मीद
अभिषेक वर्मा ने बताया है कि स्विटजरलैंड की कंपनी नोवार्टिस जोलगेन्स्मा इंजेक्शन तैयार करती है। इसकी कीमत 16 करोड़़ है। साथ में 8 करोड़ का टैक्स भी लगेगा। नोवार्टिस कंपनी दुनियाभर के 50 लोगों को यह दवाई मुफ्त में देती है, लेकिन वह रेंडमली सेलेक्टेड मरीजों को ही मिलती है। लेकिन उसके लिए इंतजार करना बेटी की जान के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इसीलिए उन्होंने देशवासियों से मदद की गुहार लगाई है।