New Delhi:- भारतीय सेना (Indian Army) की खुफिया एजेंसियां (Intelligence Agencies) सक्रिय कार्रवाई के आधार पर बड़ी बात कह रही हैं। दरअसल, सैन्य चुनावी प्रक्रिया (Military Electoral Process) में भ्रष्टाचार (Corruption) की आशंका जताई जा रही है। चूंकि कई एजेंसियां जांच (Agencies Investigation) में लगी हैं, इसलिए भारतीय सेना (Indian Army) ने इस मामले को सीबीआई (CBI) को सौंपने का फैसला किया है। दरअसल, भारतीय सेना (Indian Army) की खुफिया एजेंसियों (Intelligence Agencies) ने गोपनीय कार्रवाई के आधार पर सेना में भर्ती के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के केंद्रों में भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। सेना ने कहा है कि वह इस मामले में किसी भ्रष्टाचार की अनदेखी नहीं करेगी।
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सेना में भर्ती के लिए सामान्य परीक्षा के पेपर 28 फरवरी को होने वाले कॉमन एंट्रेस एग्जाम के पेपर लीक हो गए थे। इसकी सूचना सबसे पहले सेना की खुफिया एजेंसी को दी गई, जिसके बाद 27 फरवरी को पूरी परीक्षा रद्द कर दी गई। उल्लेखनीय है कि 28 फरवरी को प्रदेशभर के छह जोन के 40 केंद्रों पर टेस्ट आयोजित किए जाने थे, जिसमें 30 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। इस मामले में दो बड़ी कंपनियों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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इस मामले में पुणे के पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बताया कि आरोपी ने प्रश्नपत्र 4-5 लाख रुपए में बेच दिया। इस लीक के बाद आर्मी इंटेलिजेंस और पुणे पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाया और महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में छापे के दौरान सात लोगों की मौत हो गई। पकड़े गए चारों आरोपियों की पहचान किशोर महादेव गिरी, माधव शीशो गीते, गोपाल युवराज कोली, उदय दत्तू लवी, अख्तर खान, आजाद खान और महेंद्र सोनावणे के रूप में हुई है। इनमें उदय दत्तू लवी और गोपाल युवराज कोली ने बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप ऑफ आर्मी के लिए काम किया है। इसके अलावा किशोर महादेव गिरि और माधव सेसारो गीतो ने सेना भर्ती के लिए कोचिंग क्लासेज चलाईं।