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बागपत

Hariyana: रेप और हत्या के दोषी राम रहीम का सतसंग सुनने पहुंचे BJP नेता‚ मांगा आशीर्वाद

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दो साधवियों के साथ रेप और पत्रकार की हत्या के मामले में 20 साल की सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम को हरियाणा में होने वाले पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए परोल (Parole) पर रिहा कर दिया गया है. बाहर आते ही राम रहीम ने ऑनलाइन सत्संग शुरू कर दिया है. राम रहीम के सतसंग में बड़ी संख्या में अंधभक्त पहुंच रहे हैं।

राम रहीम

हैरानी की बात यह है कि रेप और हत्या के दोषी राम रहीम के पास मेयर और अब हरियाणा के उप विधानसभा अध्यक्ष आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं. ऐसे में गुरमीत राम रहीम के परोल पर बाहर आने को राजनीति से जोड़ा जा रहा है.

PTI की रिपोर्ट के अनुसार, पैरोल पर बाहर आया डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन सत्संग कर रहा है जिनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हरियाणा इकाई के कई नेताओं ने भाग लिया है। राम रहीम के पैरोल पर बाहर रहने का समय एक बार फिर क्षेत्र में कुछ चुनावों की तारीखों से मेल खा रहा है। इस वर्ष यह ऐसा तीसरा उदाहरण है। हरियाणा में अगले महीने पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होने हैं।

डेरा प्रमुख अपनी दो शिष्यों के साथ बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रहा है। वह हरियाणा में 46 नगरपालिकाओं के चुनाव से पहले जून में एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। डेरा प्रमुख को पंजाब विधानसभा चुनाव से करीब दो हफ्ते पहले सात फरवरी से तीन सप्ताह की छुट्टी दी गई थी। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़ी संख्या में सिरसा डेरा के अनुयायी हैं। सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम (55) उत्तर प्रदेश के बागपत में डेरा के बरनावा आश्रम से ऑनलाइन सत्संग कर रहा है। हरियाणा के उप-विधानसभाध्यक्ष रणबीर गंगवा बुधवार को हिसार में ऑनलाइन प्रवचन सुनने के लिए डेरा के अनुयायियों की एक सभा में मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने सिरसा डेरा से अपने परिवार के जुड़ाव की चर्चा की।

इससे पहले करनाल की मेयर रेणु बाला कुछ अन्य भाजपा नेताओं के साथ मंगलवार को एक ऑनलाइन सत्संग में शामिल हुईं। डेरा प्रमुख को 14 अक्टूबर को 40 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। उसके बाद डेरा प्रमुख रोहतक की सुनारिया जेल से बरनावा आश्रम गया। ऑनलाइन सत्संग के दौरान डेरा प्रमुख से बातचीत करते हुए गंगवा ने कहा कि वह डेरा प्रमुख द्वारा दिए गए आशीर्वाद से खुश हैं।

रेणु बाला ने डेरा प्रमुख को ‘पिताजी’ के रूप में संबोधित किया और कहा कि डेरा प्रमुख का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई साल पहले वह करनाल आए थे और स्वच्छता का संदेश दिया जिससे शहर को मदद मिली। वह कार्यक्रम के एक वीडियो में कहती सुनाई दे रही हैं, ”भविष्य में भी आप करनाल आएं और एक बार फिर स्वच्छता का संदेश दें और हमें अपना आशीर्वाद दें।’’

गंगवा ने बृहस्पतिवार को फोन पर संपर्क करने पर कहा कि उन्हें डेरा प्रमुख के ऑनलाइन सत्संग में भाग लेने में कुछ भी गलत नहीं लगता। उन्होंने कहा कि दशकों से वह और उनका परिवार डेरा से जुड़ा है और यह व्यक्तिगत विश्वास और पसंद का मामला है। डेरा प्रमुख की पैरोल के समय को लेकर उठे विवाद के बारे में गंगवा ने कहा, ‘‘उन्हें ऐसे समय भी पैरोल मिला था जब कोई चुनाव नहीं था, इसलिए मुझे इसमें कोई मुद्दा नहीं दिखता।’’

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उत्तरप्रदेश

लाक्षागृह और मजार विवाद: बागपत में हिंदू पक्ष को मिली बड़ी जीत, 100 बीघे जमीन और मजार पर मिला मालिकाना हक.

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बागपत: यूपी के बागपत से एक बड़ी खबर सामने आई है. लाक्षागृह और मजार विवाद पर एडीजे कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले में 100 बीघे जमीन और कब्र पर मालिकाना हक हिंदू पक्ष को दिया गया है. इस मामले में हिंदू पक्ष के 10 से ज्यादा गवाहों ने गवाही दी थी. सिविल जज शिवम द्विवेदी ने मुस्लिम पक्ष का मुकदमा खारिज कर दिया. आपको बता दें कि पिछले 50 साल से हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के बीच मुकदमा चल रहा था.

क्या है पूरा मामला?

यूपी के बागपत के बरनावा में लाक्षागृह बनाया गया था। इस मुद्दे पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच 50 साल से ज्यादा समय तक विवाद चला। कोर्ट ने इस मामले में हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1970 में मेरठ की एक अदालत में एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसकी सुनवाई वर्तमान में बागपत जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही थी।

ज्ञानवापी मामले के बाद इसे हिंदू पक्ष की बड़ी जीत माना जा रहा है. सोमवार को कोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है. लाक्षागृह और मजार विवाद पर एडीजे कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, जिससे हिंदू पक्ष को 100 बीघे जमीन और मजार पर मालिकाना हक मिल गया.

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उत्तरप्रदेश

Baghpat News: 13 हजार किसानों को गन्ने के बढ़े हुए दाम के तीन करोड़ रुपये जारी

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बागपत। सरकार द्वारा गन्ना मूल्य बढ़ाए जाने का सबसे पहले फायदा बागपत चीनी मिल से जुड़े 13 हजार किसानों को मिला है. बढ़ी हुई कीमत के तीन करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं जो किसानों के खातों में पहुंचेंगे। इसके अलावा मिल ने सात जनवरी तक गन्ने का बकाया छह करोड़ 12 लाख रुपये समिति को भेज दिया है।

प्रदेश सरकार ने 18 जनवरी को गन्ना मूल्य में 20 रुपये की बढ़ोतरी की थी। जबकि उससे पहले तक चीनी मिलों की ओर से पुराने गन्ना मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल के आधार पर किसानों को भुगतान कराया जा रहा था। बागपत शुगर मिल ने किसानों का 31 दिसंबर तक का भुगतान किया हुआ था। मिल की ओर से गन्ना मूल्य बढ़ने के बाद पहली बार बढ़े हुए गन्ना मूल्य का भुगतान जारी किया है।

मिल ने 20 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बढ़ाए गए दाम के अनुसार तीन करोड़ रुपये जारी किए है। यह तीन करोड़ रुपये समिति की ओर से मिल से जुड़े लगभग 13 हजार किसानों के खातों में जाएंगे। इस तरह किसानों को काफी फायदा मिलेगा।
– सात जनवरी तक के भुगतान के छह करोड़ 12 लाख रुपये जारी
बागपत शुगर मिल की ओर से सोमवार को सात जनवरी तक के गन्ना बकाया का भुगतान भी जारी कर दिया है। मिल की ओर से समिति के खाते में छह करोड़ 12 लाख 57 हजार रुपये जारी किए गए हैं। अब समिति की ओर से गन्ना बकाया की धनराशि किसानों के खातों में भेजी जाएगी।

– वर्जन- मिल की ओर दाम बढ़ने के बाद पहली बार 13 हजार किसानों के लगभग तीन करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसके अलावा मिल की ओर से सात जनवरी तक के गन्ना बकाया भुगतान के लिए छह करोड़ 12 लाख रुपये की धनराशि समिति को भेजी है। – वीपी पांडेय, बागपत शुगर मिल प्रबंधक

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उत्तरप्रदेश

बागपत: शादी में DJ बजाया तो कुवांरे रह जाएंगे मुस्लिम युवक‚ उलेमाओं की खुलेआम चेतावनी

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बागपत। शादी में फिजुलखर्ची, बैंडबाजों, डीजे बजाये जाने और आतिशबाजी किये जाने पर उलेमाओं ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि शादी में बैंडबाजा, डीजे बजने और आतिशबाजी होने पर निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवार का बहिष्कार किया जाएगा।

कस्बे में मुस्लिम उलेमाओं की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें शादी विवाह कार्यक्रमों में हो रही फिजुलखर्ची रोकने पर चर्चा की गई। इस मौके पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिस शादी में बैड़बाजा, आतिशबाजी और नाच गाना किया जाएगा, वहां पर मौलाना निकाह नहीं पढ़ने जाएंगे। इस दौरान उलेमाओं की पहल की सराहना की गई।

इस मौके पर मस्जिद जन्नती के इमाम मौलाना शाहिद ने कहा कि बैठक में लिये गये निर्णय का पालन कराया जाएगा और समाज के हर व्यक्ति तक संदेश पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी शादियों में कोई भी व्यक्ति वलीमे की दावत में शामिल न हो। उन्होंने शादियों में समाज के लोगों से खाना बर्बाद न करने की भी अपील की।

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