सहारनपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जिला सहारनपुर में जिला सिंह इंटर कॉलेज में ग्यारहवीं कक्षा के छात्र चिराग राठी को मानव कैलकुलेटर कहा जाता है। इसकी वजह ये है कि यह प्रतिभापूर्ण छा़त्र कठिन से कठिन गणितीय सवालों को चुटकी में हल कर देता है।
वह सात अंकों की गणितीय गणना मौखिक रूप से कर लेते हैं. चिराग को 100 करोड़ तक के पहाड़े मौखिक रूप से याद हैं. सहारनपुर के इस ‘लिटिल आर्यभट्ट’ को यूपी के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने चिराग राठी को एक टैबलेट तथा पुस्तकों का सेट प्रदान कर सम्मानित किया. इसके साथ ही मास्टर चिराग राठी की माता बबिता देवी तथा पिता नरेन्द्र सिंह को भी पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया.
एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले चिराग राठी के पिता नरेंद्र राठी ने बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर कसार नहीं छोड़ी. आर्थिक परेशानी से जुझते हुए भी जहां वे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है, वहीं अपने बेटे को भी पढ़ा रहे हैं. चिराग का सपना है कि वह बड़ा होकर वैज्ञानिक बने. लिहाजा शुरू से ही गणित उनका प्रिय विषय रहा है. गणित में उसकी प्रतिभा आरंभ से दिखनी शुरू हो गई थी. कक्षा में जब अध्यापक गणित का सवाल देते तो चिराग उसे मिनटों मे हल कर देता.
लखनऊ में सम्मानित होने के बाद चिराग जब वापस अपने लौटा तो उसका जोरदार स्वागत किया गया. स्कूल स्टाफ के साथ-साथ तिरपडी गांव के लोगों ने चिराग राठी का मुंह मीठा कराकर और फूल और मालाओ से जबरदस्त स्वागत किया.