लखनऊ। राज्य सरकार के विभागों में लगभग 50,000 रिक्तियां जल्द ही खोली जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन रिक्तियों को भरने के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की नई भर्ती प्रक्रिया पर सहमति जताई है। जिसके तहत आयोग इन पदों को भरने के लिए जल्द ही दो स्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत बेसिक एलिजिबिलिटी टेस्ट (पीईटी) का आयोजन करेगा। आयोग अगले दो महीने में 2020 से पहले लंबित 13 परीक्षाओं के अंतिम परिणाम भी जारी करेगा। जिसके आधार पर पांच हजार से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी। इसके बाद आयोग अलग-अलग विभागों में 50,000 रिक्तियों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा।
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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं निर्वाचन आयोग के अधिकारियों का कहना है कि सभी विभागों में रिक्तियों को भरने के लिए आयोग की योजना तैयार कर ली गई है। राज्य सरकार को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी विभागों में रिक्तियों को पारदर्शी तरीके से भरने के लिए कई निर्देश दिए हैं। जिसके तहत आयोग ने विभिन्न विभागों में रिक्तियों के लिए भर्ती के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली तैयार की थी और पूर्व में इसे मुख्यमंत्री के सामने पेश किया था।
इसके बाद से अब आयोग ने सरकारी विभागों में रिक्तियों को भरने के लिए आयोग की दो स्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (पीईटी) की तैयारी शुरू कर दी है। आयोग से मिली जानकारी के अनुसार परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की सूची कम होगी। इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। मुख्य परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी को असाइनमेंट लेटर दिया जाएगा।
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परिवार कल्याण विभाग में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 9212 पद, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार राजस्व परिषद में 7882 पद, कृषि निदेशालय में विधिक सहायक-समूह-सी के 1817 पद, राजस्व परिषद में कनिष्ठ सहायक के 1137 पद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग में प्रयोगशाला तकनीकी के 700 पद, वन विभाग में वन रक्षक के 694 पद , प्रशिक्षण एवं सेवा योजना विभाग में प्रशिक्षक के 622 पद शुरू। इन सभी पदों को इसी साल भरने का इरादा है। इसके अलावा आयोग कई अन्य विभागों में रिक्तियों को भरने की कार्रवाई भी कर रहा है।