MP: मार्कशीट नही देने पर छात्र ने कॉलेज प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर लगाई आग‚ हालत गंभीर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्त शर्मा 80 फीसदी तक झुलस गयी हैं और उनकी हालत गंभीर है. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि इस घटना में आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव भी 40 फीसदी झुलस गया है।

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इंदौर का बीएम फार्मेसी कॉलेज. (फोटो साभार: कॉलेज वेबसाइट)

भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक फार्मेसी कॉलेज के पूर्व छात्र ने मार्कशीट नही देने पर महिला प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी. गंभीर हालत में प्रिंसिपल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका उपचार किया जा रहा है। आरोपी छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जहां उससे पूछताछ की जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि बीएम फार्मेसी कॉलेज की प्रिंसिपल विमुक्त शर्मा 80 फीसदी तक झुलस गयी हैं और उनकी हालत गंभीर है. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि इस घटना में आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव भी 40 फीसदी झुलस गया है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार शाम करीब 4 बजे जब प्रिंसिपल घर लौटने के लिए अपनी कार में सवार होने वाली थीं, तो आशुतोष ने उन्हें रोक लिया और उनके बीच बहस हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसके बाद छात्र ने प्राचार्य के ऊपर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी.

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) भगवत सिंह विर्दे ने कहा, ‘वह बयान देने की स्थिति में नहीं है। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इस घटना में उसका हाथ भी झुलस गया।

पुलिस ने कहा कि इस घटना के बाद 22 वर्षीय आरोपी ने बाद में पास के टिनचा जलप्रपात में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन उसे बचा लिया गया और हिरासत में उसका इलाज चल रहा है।

पहले प्रोफेसर पर हमला कर चुका है छात्र

यह कॉलेज इंदौर के बाहरी इलाके सिमरोल इलाके में स्थित है। पुलिस ने बताया कि कॉलेज के पुरुष प्रोफेसर पर चाकू से हमला करने के मामले में आशुतोष को कुछ महीने पहले इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह कुछ हफ्ते पहले ही जमानत पर जेल से छूटा था।

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, श्रीवास्तव पर अब भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस बीच इंदौर के शिक्षाविदों का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते जाग जाती तो यह घटना नहीं होती.

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अमर उजाला के मुताबिक, डीएवीवी के पूर्व वाइस चांसलर ने कहा, ‘छात्र ने उन्हें पहले भी कई बार धमकी दी थी और पुलिस को भी इसकी जानकारी थी. छात्र ने कॉलेज फैकल्टी पर चाकू से हमला कर दिया, जिसके बाद वह चला गया और कॉलेज प्रबंधन को फिर से धमकाने लगा. अगर उन पर सख्त कार्रवाई होती तो यह दिन नहीं देखना पड़ता। हम सभी शिक्षाविद इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से मिलकर विरोध दर्ज कराएंगे।

डीएवीवी के गैर सरकारी प्रधानाध्यापक संघ के अध्यक्ष राजीव झालानी ने कहा, “महिला प्रधानाचार्य के साथ हुई घटना शर्मनाक और निंदनीय है। प्राचार्य संघ इसकी निंदा करता है। घटना की कड़ी जांच होनी चाहिए। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।” समाज में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होती है अगर दोषियों को सजा नहीं मिली तो प्रधानाध्यापक संघ धरना प्रदर्शन करेगा।