उत्तर प्रदेश: उन्नाव जिले में लालमनखेड़ा गांव में चार मासूम भाई-बहनों की हुई मौत की घटना में आरोपी पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि चार मासूमों की मौत करंट लगने से नहीं, बल्कि गेहूं में डालने वाली कीटनाशक दवा खिलाने के बाद मुंह दबाने से हुई थी।आरोपी ने बताया कि गांव की एक महिला से संबंध को लेकर पत्नी से रोज-रोज के झगड़े से ऊबकर उसने यह हैवानियत भरा कदम उठाया है। उसके जुर्म स्वीकारने के बाद पत्नी ने थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में लिया है। वहीं एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा के मुताबिक बच्चों की मौत करंट लगने से हुई है न कि जहर से मौत हुई है।
दरअसल, उन्नाव जिले के बारासगवर थाना क्षेत्र के गांव लालमनखेड़ा में 19 नवंबर को वीरेंद्र कुमार पासवान के बेटे मयंक (9), बेटी हिमांशी (8), हिमांक (6) और मांशी (4) के शव घर में पड़े मिले थे। शवों के ऊपर बिजली का पंखा पड़ा देख सभी ने करंट से मौत होने की आशंका जताई। एक साथ सगे चार भाई बहनों की मौत से गांव ही नही क्षेत्र में भी हड़कंप मच गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराया तो रिपोर्ट में जहर देने के साथ गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई थी। वहीं बच्चों के ननिहाल पक्ष से नानी, और मामा ने भी बच्चों की हत्या का आरोप पिता वीरेंद्र पर लगाया।
इस बीच पिता वीरेंद्र पासवान ने 20 जुलाई को जहर खा लिया। तुरंत उसको कानपुर हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया। 23 नवंबर को हालत में सुधार होने पर वीरेंद्र घर लौटा और अपने बच्चों को जहर देने के साथ गला दबाकर हत्या करने का जुर्म कबूल कर लिया। उसके मुताबिक बच्चों को करंट दिया ही नहीं गया था। पति के जुर्म कबूल करते ही उसकी पत्नी शिवदेवी ने पति के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। तहरीर के बाद पुलिस ने वीरेंद्र को हिरासत में ले लिया।
हालांकि, इस पूरे मामले में पुलिस की थ्योरी बदली हुई है। मृत बच्चों के परिजन और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी के कहने के बाद भी पुलिस ने उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दिखाई। वहीं एसपी के मुताबिक बच्चों की मौत करंट लगने से हुई थी न कि जहर खाने से। एसपी सिद्धार्थशंकर मीना ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तो करंट से मौत आई थी। पता नहीं क्यों वीरेंद्र खुद जहर देकर हत्या करने की बात कह रहा है। वह दो बच्चों का गला दबाने की बात भी कह रहा है लेकिन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया। बताया कि विसरा जांच के लिए भेजे गए हैं। जल्द से जल्द रिपोर्ट मंगवाने का प्रयास कर रहे हैं।