मृतक अक्षय की फाइल फोटो

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के नांदेड़ ज़िले के बोंदर हवेली गांव में स्वर्ण समाज के लोगों ने दलित युवक की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने गांव में 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती मनाने के लिए पुलिस से अनुमति ली थी।

मृतक युवक का नाम अक्षय भालेराव था जिन्होने गांव में बीते 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती मनाने के लिए ग्रामीणों को पुलिस से अनुमति दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। बताया जा रहा है कि इस बात से गांव का बहुसंख्यक मराठा समुदाय उनसे चिढ़ा हुआ था।

दिल दहला देने यह घटना बीते 1 जून की है। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों गिरफ्तार किया है। सभी के खिलाफ एससी-एसटी कानून और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

बताया जाता है कि नांदेड़ जिले के बोंदर हवेली गांव की दलित बस्ती द्वारा किसी प्रकार जश्न मनाने पर मराठा समुदाय को चिढ़ होती है। इसी बात का नतीजा यह हुआ कि 1 जून की शाम को अक्षय को मौत के घाट उतार दिया गया।

घटना के समय अजय नल पर बाल्टी भर रहे थे‚ तभी मराठा युवक तलवार और खंजर हाथ में लिए और डीजे बताजे हुए  गली से गुजरने लगे। यह गली दलितों और मराठों के बीच की एकमात्र गली है।

परिजनों ने बताया कि किसी बात को लेकर 24 वर्षीय अक्षय भालेराव और उनके भाई आकाश का मराठा पक्ष के लोगों से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उन लोगों ने दोनों भाइयों को जातिसूचक गालियां देनी शुरू कर दीं और कुछ ही मिनटों में दो तीन युवकों ने अक्षय के खंजर से वार कर दिया। अक्षय को बचाने के लिए दौड़ा छोटा भाई आकाश और उनकी मां भी घायल हो गई।

गंभीर हालत में अक्षय को अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मामले में जानकारी देते हुए प्रधान ने बताया कि मराठा समुदाय अक्षय को सबक सिखाने का इंतजार कर रहा था और यह बात आकाश भी जानता था. प्रधान कहते हैं, ‘अक्षय ने सुनिश्चित किया था कि गांव का दलित समुदाय अपने अधिकार का प्रयोग कर सके, लेकिन इसमें उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।

फिलहाल पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने पुष्टि की है कि कुल आरोपियों में से सात को गिरफ्तार करके 9 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

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