Hapur: मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने के बाद बंदरों को मारने वाले दो किसान गिरफ्तार

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बंदरों को मारने वाले दोनों आरोपी

Hapur: जनपद में तीन दिन पूर्व मारे गए बंदरों की मौत का मामला लखनऊ तक पहुंचने के बाद पुलिस की नींद टूट गई है। हापुड़ पुलिस ने तुरन्त कार्रवाई करते हुए दो किसानो को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि फसल बर्बाद करने से परेशान होकर दोनों किसानों ने 26 बंदरों को गुड़ में जहर देकर मार दिया था।

बता दें कि जनपद की तहसील गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत झडीना नहर पटरी पर शाहपुर चौधरी गांव के पास 15 मई को 26 बंदरों को जहर देकर मार दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने दो दिन तक कोई कार्रवाई नही की तो ग्रामीणों ने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी।

मुख्यमंत्री के दरबार में मामला गर्माने पर प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ था। इसके चलते ही पुलिस प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए 26 बंदरों को मारने वाले आरोपियों को धर दबोचा है। बताया जा रहा है आरोपियों ने गुड में दीमक मारने वाली दवाई मिलाकर बंदरों को खिला दी थी।

गिरफ्तार किये गए किसानों में कपिल चौहान एवं रोहताश उर्फ लाला हैं जो शाहपुर चौधरी गांव के रहने वाले हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बंदरों के द्वारा उनकी गन्ने की बुवाई गई तीन बीघा फसल बर्बाद हो गई थी। बंदर अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे थे।

बंदरों के इस आतंक से परोशान होकर इन्होंने 13 मई को खाद भंडार मेडिकल स्टोर से 1 किलो दीमक मारने वाला पाउडर खरीद कर गुड़ में मिलाकर रख दिया था। मीठा गुड़ समझकर बंदरों ने उसे खा लिया और एक-एक करके 26 बंदरों की मौत हो गई।

हालांकि आरोपियों का कहना है कि उनका उद्देश्य बंदरों को मारने से नहीं था। बल्कि उन्होंने इस दवाई को गुड़ में मिलाकर इस उद्देश्य से रखा था कि कि बंदर इसको खाकर नशे की हालत में बेहोश होकर भाग जाएंगे।

इस मामले को लेकर एडिशनल एसपी मुकेश मिश्रा का कहना है कि गिरफ्तार किए गए 26 बंदरों की मौत के जिम्मेदार दोनों किसानों ने बंदरों के द्वारा फसलों को बर्बाद करने से क्षुब्ध होकर उनको भगाने के लिए यह पाउडर गुड़ में मिलाकर रखा था।

बंदरों के लिए गुड़ में मिलाकर रखे गए पाउडर में कुछ बचा हुआ शेष पाउडर किसानों के पास से बरामद भी किया गया है।  दोनों किसानों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

रिपोर्टर भूपेंद्र वर्मा