उत्तर प्रदेश: इटावा में रविवार शाम लगभग छह बजे दो मासूम सगी बहनों को फावड़े से काटकर मौत के घाट उतारने के मामले में पुलिस ने उसकी सगी बड़ी बहन को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार एक सप्ताह पहले अंजली को घर में ही उसके प्रेमी के साथ दोनों छोटी बहनों ने देख लिया था। शिल्पी ने इसकी शिकायत माता-पिता से कर दी। शिकायत से गुस्से में चल रही अंजली ने रविवार शाम उसे अकेला पाकर कमरे में फावड़ा लेकर मार डाला। शिल्पी की चीख सुनकर सबसे छोटी बहन रोशनी वहां आ गई, तो अंजली ने दूसरे कमरे में ले जाकर उसे भी फावड़े से काट डाला। घटना के वक्त छोटा भाई कन्हैया लड़कों के साथ खेल रहा था। यदि वह घर पर होता तो शायद उसकी भी जान चली जाती
पुलिस द्वारा पूछताछ में बार बार बयान बदलने और परेशान करने के बाद पुलिस की सख्ती देखकर अंजली ने घटना कबूली।आरोपी अंजली ने बयान दर्ज कराया कि लगभग एक सप्ताह पहले नौ वर्षीय शिल्पी और पांच वर्षीय रोशनी ने उसको उसके प्रेमी के साथ देख लिया था। शाम को उसके माता पिता खेत से घर आए तो शिल्पी ने उनसे शिकायत कर दी। तभी से वह शिल्पी से नाराज चल रही थी। अंजली ने बताया कि रविवार शाम करीब पांच बजे माता-पिता खेत पर गए थे। उसके दो भाई बकरियां चराने गए थे। छोटा भाई कन्हैया गांव के अन्य बच्चों के साथ बाहर खेल रहा था।
शिकायत से नाराज अंजली अपनी छोटी बहन शिल्पी को घर के एक कमरे में ले गई और उस पर फावड़े से हमला कर दिया। रोशनी की चीख सुनकर आंगन में खेल रही रोशनी दौड़कर आ गई। उसने शिल्पी को खून से लथपथ देखा तो वह चिल्लाकर रोने लगी। इस पर उसका मुंह बंद करके दूसरे कमरे में ले गई और खुद को बचाने के लिए उसे भी फावड़े से हमला कर मार डाला। अंजली ने बताया कि वह रोशनी को नहीं मारना चाहती थी लेकिन उसके द्वारा किसी को बताने के डर से उसको भी मारना पड़ा उसने बताया कि सिर पर भूत सवार था। जो बीच में आ रहा था उसे मार डालने की इच्छा कर रही थी।
आरोपी अंजली ने अपने बयान में बताया कि दोनों बहनों के मरने के बाद उसने बाथरूम में जाकर फावड़ा धोया और उसे आंगन में पड़े टिनशेड के नीचे रख दिया। इसके बाद खून से लथपथ कपड़े धोए और नहाई । इसके बाद कपड़े सूखने डाल बाहर से कुंडी लगाकर खेत पर चारा लेने चली और वहां से सबके साथ आई। कमरे में जाकर उसने सबसे पहले चिल्लाना शुरू कर दिया ताकि उस पर किसी को शक न कर सके।
शवों पर मोटे धारदार हथियार से हमला किया गया था। वहीं, बच्चियों के शरीर का कोई भी हिस्सा गायब नहीं था। ऐसे में बलि देने जैसी बात पुलिस को नहीं लगी। फावड़े को कुछ समय पहले धोकर साफ करके टिनशेड में रखा गया था। उसके एक हिस्से पर हल्के खून के निशान भी थे। घटनास्थल को देखकर पुलिस को सबसे पहले घर के कोई व्यक्ति के घटना में शामिल होने की आशंका हुई। पूछताछ में बच्चियों के माता-पिता से अंजली की शिकायत करने की बात पता चलने पर मामले के सच तक पुलिस पहुंच गई। कपड़ों के बारे में पूछने पर अंजली के सकपकाने से पुलिस का शक और बढ़ गया। पुलिस ने कपड़ों के साथ ही फावड़ा, कपड़े धोने वाला ब्रश सभी कब्जे में ले लिए।
घटना के वक्त छोटा भाई कन्हैया बाहर गांव के लड़कों के साथ खेल रहा था। पुलिस के अनुसार, यदि वह घर पर होता तो शायद उसकी भी जान चली जाती। कड़ाई से पूछताछ के बाद हत्यारोपी बहन ने घटना कबूल की। यह सुनते ही उसके माता-पिता के होश उड़ गए और उन्होंने अपनी बेटी से कोई बात नहीं की। सोमवार शाम दोनों मासूम बच्चियों का अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान भारी पुलिसबल तैनात रहा। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने दोनों बच्चियों को अंतिम विदाई दी। एसपी देहात ने बताया कि दोनों बहनों की देखभाल अंजली ही करती थी।