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देश

Motihari Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 29 पहुंची‚ अब तक 174 लोग गिरफ्तार

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Motihari spurious liquor case : मोतिहारी जहरीली शराब कांड में मरने वालों की संख्या 29 हो गई है. मोतिहारी एसपी कार्यालय ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. पुलिस के मुताबिक, 14 अप्रैल (शुक्रवार) को सूचना मिली थी कि मोतिहारी जिले के हरसिद्धि, सोगोली, पहाड़पुर, तरकुलिया और रघुनाथपुर थाने में कुछ लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है.

स्थानीय लोगों का कहना था कि सभी मौतें नकली शराब पीने से हुई हैं. पुलिस ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा थाना क्षेत्रों में शिकायतों को लेकर घर-घर जाकर सर्वे किया गया है.

मोतिहारी के एसपी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मोतिहारी के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने रविवार को इस मामले में लापरवाही बरतने पर 05 थानाध्यक्ष, 02 एएलटीएफ प्रभारी व 09 चौकीदारों को निलंबित कर दिया. साथ ही इस मामले में लापरवाही बरतने वाले उत्पाद विभाग के कुल 07 अधिकारियों से भी जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगा है.

बिहार के डीआईजी (निषेध) मनोजित सिंह ढिल्लों और चंपारण रेंज के डीआईजी जयंत कांत ने घटना की समीक्षा के लिए सोमवार को मोतिहारी का दौरा किया. समीक्षा उपरांत संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अंचल पुलिस निरीक्षक को जांच की दिशा में आवश्यक निर्देश दिये गये.

3 दिन में अब तक 174 गिरफ्तारियां
मोतिहारी पुलिस अवैध शराब की बरामदगी और शराब तस्करों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. पिछले तीन में कुल 174 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुल 1729.53 लीटर देशी शराब और 49.855 लीटर विदेशी शराब का निर्यात किया गया है और कुल 2200 लीटर अर्ध-निर्मित शराब को नष्ट किया गया है।

Politics

झंडे बनाने के बाद अब गेहूं काटते हुए नजर आए योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर

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गेहूं की कटाई करते हुए ओमप्रकाश राजभर

चुनाव आते ही वोटरों को लुभाने के लिए नेता ऐसे-ऐसे काम करने लग जाते हैं जो आपने सपने में भी नही सोचा होगा। इस क्रम में नेता वे सारे काम करते दिख रहे हैं जो शायद ही कभी किए हों। अब एक वीडियो सामने आया है जिसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर खेत में कटाई करते दिख रहे हैं। इस वीडियो में अपने कार्यकर्ताओं और मीडिया के कैमरे के फोकस के हिसाब से राजभर गेहूं काट रहे हैं। साथ ही ओम प्रकाश ये भी कहते दिख रहे हैं कि ये सब करके छोड़ दिया है।

फुर्ती से गेहूं काटते दिख रहे राजभर

जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश के घोसी लोकसभा क्षेत्र में ग्राम सभा मुहम्मदपुर के बरहिया ब्लॉक रतनपुरा जनपद मऊ में प्रचार के दौरान ओम प्रकाश राजभर अचानक अपना काफिला रोककर एक खेत खलिहान में पहुंच गए। इसके बाद  कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर हंसिया लेकर गेहूं काटने लगे। हालांकि गौरकरने वाली बात ये है कि राजभर इस वीडियो में अच्छी-खासी फुर्ती से गेहूं काटते दिख रहे हैं और साथ ही ये भी कह रहे हैं कि ये सब काम करके छोड़ दिया है।

आपको बता दें कि कुछ समय पहले ओमप्रकाश राजभर का एक और वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो अपनी पार्टी झंडे खुद बनाते हुए नजर आ रहे थे। उनके उस वीडियो पर भी लोगों ने खूब कमेंट किये थे।

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देश

असम में 88 साल पुराने मुस्लिम विवाह अधिनियम को सरकार ने किया रद्द

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असम।  भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार की हेमंत बिस्वा सरमा मुस्लिम विवाह अधिनियम और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस कानून के दायरे में मुस्लिमों की लगभग एक तिहाई आबादी (35%) थी। बीते शुक्रवार को कैबिनेट मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि उन्होंने 88 साल पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को रद्द कर दिया है।

हेमंत बिस्वा सरमा

हिमंत बिस्वा सरमा ने बैठक के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि असम कैबिनेट ने सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की अनुमति देने वाले प्रावधान शामिल थे, भले ही दूल्हा और दुल्हन 18 और 21 वर्ष की कानूनी उम्र तक नहीं पहुंचे हों, जैसा कि कानून द्वारा आवश्यक है। यह कदम असम में बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

असम के कैबिनेट मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने एक प्रेस वार्ता में असम मुस्लिम विवाह और तलाक अधिनियम 1935 को निरस्त करने और यूसीसी को मंजूरी देने के बारे में बात की। बरुआ ने इसे “बहुत महत्वपूर्ण निर्णय” बताया और कहा, “माननीय मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि हम समान नागरिक संहिता की ओर जा रहे हैं, इसलिए आज एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, वह है असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम , 1935, निरस्त कर दिया जाएगा और कोई भी मुस्लिम विवाह या तलाक अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं किया जाएगा।

उन्होंने आगे इस अधिनियम की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह बाल विवाह को अनुमति देता है, और तर्क दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का लंबे समय से बाल विवाह को खत्म करने का लक्ष्य था, उन्होंने कहा, “यह पुरुषों के लिए 21 वर्ष और महिला के लिए 18 वर्ष की स्वीकार्य आयु से पहले विवाह को पंजीकृत करने की गुंजाइश प्रदान करता है।”

 

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उत्तरप्रदेश

केजरीवाल के बाद अब अखिलेश को घेरने में जुटी BJP‚ दस साल पुराने में मामले CBI ने भेजा समन

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लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी एक-एक करके सभी विपक्षी दलों पर कानूनी शिकंजा कसती जा रही है‚ ताकि चुनाव में कोई उसे टक्कर न दे सके। कांग्रेस‚ टीएमसी‚ झामुमो और आम आदमी पार्टी के बाद अब निशाने पर यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आ गए हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को उन्हे अवैध खनन मामले में समन भेजा है। CBI ने अखिलेश को 29 फरवरी यानी गुरुवार को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया है।

अखिलेश

जानकारी के मुताबिक, अखिलेश इस मामले में बतौर गवाह पेश होंगे। हालांकि, सपा प्रवक्ता फखरुल हसन ने कहा कि मीडिया से जानकारी मिली है कि CBI ने अखिलेश यादव को नोटिस जारी किया है। हालांकि अभी तक ऑफिशियल रूप से नोटिस नहीं मिली है। बता दें कि साल 2012-13 में सीएम रहते खनन विभाग अखिलेश यादव के पास था, उस समय अवैध खनन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए थे।

क्या है पूरा मामला

दरअसल सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हमीरपुर में 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन का मामला सामने आया था। योगी सरकार बनने पर इस मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट समेत कई अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें तत्कालीन जिलाधिकारी बी. चंद्रकला समेत सभी 11 लोगों को नामजद किया गया था। सीबीआई ने आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के घर भी छापा मारा था। इस मामले में आईएएस बी. चंद्रकला और सपा एमएलसी रहे रमेश चंद्र मिश्रा समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

IAS बी चंद्रकला पर भी लगे थे आरोप

साल 2016 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू हुई तो उसमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का नाम सामने आया। इतना ही नहीं अखिलेश यादव सरकार में कई जिलों की डीएम रहीं बी. चंद्रकला पर भी आरोप लगे और उनके यहां भी छापेमारी हुई। वहीं पिछले काफी समय से अखिलेश यादव सीबीआई और ईडी को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर रहे हैं। वे लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि चुनाव के वक्त सरकार सीबीआई और ईडी को राजनेताओं पीछे लगा देती है। ऐसे में अब सीबीआई के समन पर भी यूपी की सियासत गरमाने वाली है। माना जा रहा है कि सीबीआई अखिलेश यादव को गिरफ्तार भी कर सकती है।

 

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