मृतक बच्ची

बागपत। यूपी में भले ही कानून व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है‚ लेकिन जानवरों का आतंक पहले से कई गुणा बढ़ गया है। सड़क पर चले तो आवारा पशु जान ले लेते हैं‚ और घर में रहे तो बंदर मार देते हैं। प्रदेश में हर महीने कई लोगों की जान इन जानवरों के हमले से हो रही है बावजूद इसके सरकार-प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है। ताजा मामला   बागपत कहा हैं जहां एक बच्ची को बंदरों ने मार डाला।

दर्दनाक घटना सरूरपुर कलां गांव की है।  बंदरों के झुंड के हमला करने पर छत से गिरकर नौवीं कक्षा की छात्रा रिया की मौत हो गई। मृतक बच्ची अपने मामा के घर पर रहती थी। परिजन उसका शव अपने गांव सिनौली नंगला लेकर चले गए और वहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।

फोटो साभार (सोशल मीडिया)

सिनौली नंगला गांव के रहने वाले किशनपाल की बेटी रिया (14) पिछले काफी साल से सरूरपुर में अपने मामा शेखर के यहां रहती थी। वह गांव के निजी स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ती थी। परिजनों ने बताया कि रविवार सुबह छत पर गई थी। जहां बंदरों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। शरीर पर कई जगह काटकर जख्मी कर दिया। वह जान बचाने के लिए भागते हुए छत से नीचे गिर गई।

जिससे उसका सिर नीचे लगा और मौके पर ही मौत हो गई। उसकी मौत से घर में कोहराम मच गया और सिनौली नंगला से परिजन भी वहां पहुंचे। परिजन उसका शव लेकर चले गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

बंदरों को पकड़ने पर वन विभाग लगाता है अडंगा
आपको बता दें कि शहर से लेकर देहात इस समय बंदरों का आतंक फैला हुआ है। बंदरो के डर से लोगों ने छतो पर चढ़ना भी छोड़ दिया है। बंदरो से जान-माल का हमेशा खतरा बना रहता है।  लोग प्रशासन से बंदरो को पकड़ने की गुहार लगाते हैं लेकिन प्रशासन वन विभाग की पाबंदी का बहाना बनाकर हाथ खड़े कर देता है।

सरूरपुर गांव के रहने वाले व्यापारी चांदराम गुप्ता, जगबीर सिंह, नरेश खिलारी, सोनू नैन आदि ने बताया कि गांव में काफी बंदर हो गए हैं। उन बंदरों का गांव में आतंक मचा रखा है। मकान और छतों से सामान उठाकर ले जाते हैं। बंदर कई लोगों को घायल कर चुके हैं। लोगों ने अधिकारियों से बंदरों को पकड़वाने की मांग की है, जिससे लोगों को समस्या से राहत मिल सके।

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