मनोज कुमार‚ समाचार संपादक
देहरादून: उत्तराखंड में गुलदारों का सबसे ज्यादा अवैध शिकार किया गया है। दुनियाभर में वाइल्ड लाइफ ट्रेड को रोकने के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संस्थान ट्रैफिक इंडिया की ताजा स्टडी में ये सनसनीखेज तथ्य सामने आया है। सर्वे के अनुसार पिछले पाँच सालो में उत्तराखंड में लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा गुलदारों का अवैध शिकार अकेले उत्तराखंड में किया गया है। उत्तराखंड के बाद महाराष्ट्र गुलदारों के अवैध शिकार में दूसरे नंबर पर है ।
वैसे तो देश मे अब तक गुलदारों की गणना नहीं की गई। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरे देश में इनकी संख्या 12 हजार से 14 हजार के बीच है। इनमें से करीब एक हजार गुलदार अकेले उत्तराखंड में हैं। यहाँ का मौसम और प्रकृति की बनावट इनके अनुकूल मानी जाती है।
उत्तराखंड में फॉरेस्ट, पुलिस व एसटीएफ समेत विभिन्न एजेंसियों ने तस्करों को पकड़कर 140 गुलदारों की खाल, हड्डियां व अन्य अंग बरामद किए। इसके अलावा 19 मामले ऐसे भी थे जिनमें शिकार तो किया गया पर किसी वजह से तस्कर गुलदार के अंग निकाल नहीं पाए। और उनको मरे गुलदारों को छोड़कर भागना पड़ा।
ट्रैफिक इंडिया के हेड और उत्तराखंड काडर के आईएफएस डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि गुलदार की खाल और हड्डियों के लिए सबसे ज्यादा शिकार किया गया। इसके अलावा दांत, नाखून सहित अन्य अंग भी अंतररास्ट्रीय बाजार में बेचे जाते हैं।अंतरराष्ट्रीय बाजार में गुलदार की हड्डियों को बाघ की हड्डियों के रूप में काफी ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। कुछ केस ऐसे भी आए हैं, जहां छोटे जिंदा बच्चों की तस्करी के लिए मादा गुलदारों का शिकार किया गया।
राज्य अवैध शिकार
उत्तराखंड 159
महाराष्ट्र 56
उड़ीसा 55
हिमाचल 40
उत्तर प्रदेश 32
पिछले पांच सालों में इन राज्यों में ये शिकार किये गए।
नॉट :- यह आंकड़े सिर्फ पकड़े गए तस्करों के आधार पर है