मनोज कुमार समाचार संपादक
देश की राजधानी दिल्ली में अब कुत्तों का अंतिम संस्कार करने की तैयारी चल रही है। अंतिम संस्कार की क्रिया पूरा कराने के लिए पंडित की तैनाती होगी। वहीं, अगले दिन सुबह लोग अपने पशु के फूल भी चुग सकेंगे।
शवदाह गृह में पालतू पशुओं के साथ-साथ आवारा कुतों का भी अंतिम संस्कार करने की भी योजना बनाई जा रही है। इस तरह का पहला शवदाह गृह राजधानी दिल्ली के द्वारका सेक्टर 29 में तैयार करने की योजना है।इससे पहले देश मे कहीं भी इस तरह का शवदाह नही है।
दरअसल राजधानी दिल्ली सहित देश के किसी हिस्से में भी पालतू जानवरों कर अंतिम संस्कार के लिए कोई शवदाह गृह या कब्रिस्तान नही है। ऐसे में कुतों की मौत हो जाने पर पशु प्रेमियों को उन्हें दफनाने के लिए जगह का चुनाव करना पड़ता है।
दिल्ली जैसे शहर में इस तरह की जगह मिलना आसान नहीं रहता। कोई उपयुक्त इंतजाम न होने से कुतों की मौत होने पर लोग मजबूरन अपने पालतू कुतों को खुली जगह में दफना देते हैं। तो कई बार लोग उनको लावारिस में ही फेंक देते है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
इस समस्या को देखते हुए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस बारे में योजना तैयार की है। इसे अब निगम आयुक्त की मंजूरी का इंतजार है। आयुक्त से हरी झंडी मिलते ही जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। इसके एक महीने के अंदर इसे चालू भी कर दिया जाएगा।
नेता सदन नरेंद्र चावला ने बताया कि बड़ी संख्या में पशु प्रेमियों ने कुता पाल रखा है। कई लोगों की अपने पालतू कुतों से अधिक लगाव होता है। यही वजह है कि कुछ लोग कुतों को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उनकी मौत पर शौक भी जताते हैं।
चावला ने बताया कि इन सब वजहों से निगम ने शवदाह गृह बनाने की योजना तैयार की है। इसके लिए द्वारका सेक्टर 29 में जगह की पहचान भी कर ली गई है। यहां अभी कुतों के बंध्याकरण होता है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए इसका आधा