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शामली: जुलूस के दौरान तलवार से घायल हुआ व्यापारी, हंगामा के बाद पुलिस ने बंद कराया जुलूस
संवाददाता: सलीम फारूकी
शामली: कैराना में निकाले जा रहे काल जुलूस के दौरान कस्बे में जमकर हंगामा हुआ। जुलूस में काल का किरदार निभा रहे व्यक्ति की तलवार से एक व्यापारी घायल हो गया। इसके बाद घायल व्यापारी के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मामला बढ़ता देख पुलिस ने जुलूस को बीच में ही बंद कराकर हंगामा कर रहे लोगो को शांत किया। मामले के सम्बंध में पुलिस को अलग-अलग तहरीर दी गई है।
आपको बता दें कि कैराना कस्बे की रामलीला कमेटी द्वारा प्रतिवर्ष काल जुलूस का आयोजन किया जाता है। मंगलवार को भी कमेटी की ओर से निकाले जुलूस में काल का किरदार निभा रहे व्यक्ति की लकड़ी की तलवार से बेगमपुरा निवासी प्रवीण नामक व्यापारी घायल हो गया। व्यापारी के घायल होने की सूचना पर परिजनों में आक्रोश फैल गया। इसके बाद व्यापारी के परिजनों ने कटहरा धर्मशाला के सामने हंगामा शुरू कर दिया।
परिजन काल द्वारा व्यापारी को रंजिशन तलवार मारकर घायल करने का आरोप लगा रहे थे। उन्होंने कमेटी के लोगो के प्रति भी कड़ा एतराज करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जुलूस में हंगामे की सूचना पर एसएसआई राधेश्याम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। उन्होंने हंगामा कर रहे लोगो को बमुश्किल समझा-बुझाकर शांत किया। तत्पश्चात काल का किरदार निभा रहे व्यक्ति को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में कोतवाली पहुंचाया।
घायल व्यापारी प्रवीण गर्ग पुत्र साहिल ने काल का किरदार निभाने वाले व्यक्ति एवं श्री रामलीला कमेटी के लोगो के विरुद्ध तहरीर दी है। इसके अलावा कमेटी के सदस्यों एवं काल का किरदार निभा रहे कलाकार की तरफ से भी व्यापारी के खिलाफ शिकायती-पत्र दिया है। मामले में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अनिल कपरवान का कहना है कि हंगामे के बाद काल जुलूस को बंद करा दिया गया हैं। दोनों पक्षों की ओर से तहरीर आई है। मामले की जांच की जा रही है। बाद में पुलिस ने काल बने व्यक्ति को मेडिकल के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
क्या होता है काल जुलूस
कैराना कस्बे में श्रीरामलीला कमेटी द्वारा हर वर्ष काल जुलूस निकाला जाता है। जुलूस में काल का अभिनय करने वाला व्यक्ति अपने शरीर को पूरी तरह काले रंग अथवा तेल से रंग लेता है। इसके बाद वह लोगो को लकड़ी की तलवार लेकर लोगो के पीछे दौड़ता है। जुलूस में हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग काल बने व्यक्ति के पीछे भागते है और जुलूस का आनन्द उठाते है।
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हैदराबाद: सड़क हादसे में 33 वर्षीय महिला विधायक की मौत, ड्राइवर गंभीर
हैदराबाद: सिकंदराबाद कैंट से बीआरएस की 33 वर्षीय विधायक लस्या नंदिता का संगारेड्डी के अमीनपुर मंडल इलाके में सुल्तानपुर आउटर रिंग रोड (ORR) पर सड़क हादसे में निधन हो गया। विधायक की कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। इस सड़क हादसे में विधायक लस्या नंदिता को गंभीर चोटें लगीं और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस दुर्घटना में उनका कार ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
गौरतलब है कि 13 फरवरी को भी नारकेतपल्ली में उनकी कार का उस समय एक्सीडेंट हो गया था जब वह पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की सभा में भाग लेने के लिए नलगोंडा जा रही थी। इस दुर्घटना में उनको मामूली चोट आईं थी लेकिन एक होमगार्ड की मौत हो गई थी। विधायक लस्या नंदिता के असामयिक निधन पर बीआरएस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शोक व्यक्त करते हुए कहा “एक युवा विधायक के रूप में अपने कामों के लिए पहचानी जाने वाली लस्या नंदिता की सड़क हादसे में मौत से दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है”।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंती रेड्डी ने युवा महिला विधायक की मौत पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, कैंट विधायक लस्या नंदिता की असामयिक मौत से मुझे गहरा सदमा लगा है। पिछले साल इसी महीने में नंदिता के पिता जी. सयन्ना का निधन हो गया था… ये बेहद दुखद है कि उसी महीने में नंदिता की भी अचानक मौत हो गई। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए भगवान से उनकी आत्मा को शांति देने की प्रार्थना करता हूं।
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कर्नाटक मे मंदिरों को भी देना होगा टैक्स, सिद्धारमैया सरकार के फैसले पर भड़की भाजपा, “बताया हिंदू विरोधी”
कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने सालाना 10 लाख से ऊपर कमाई करने वाले मंदिरों पर टैक्स वसूलने का फैसला लिया है। जिन मंदिरों की इनकम 10 लाख से 1 करोड़ के बीच है उसे पांच प्रतिशत टैक्स देना होगा।
जबकि1 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वाले मंदिरों से 10 फीसदी टैक्स वसूली करने का फैसला किया है।
दरअसल, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार द्वारा विधानसभा में पास विधेयक ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ के अनुसार, सरकार 1 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व पाने वाले मंदिरों पर 10% कर लगाएगी। वहीं, 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच राजस्व उत्पन्न करने वाले मंदिरों पर 5% कर वसूला जाएगा। विधेयक को लेकर कर्नाटक में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने सिद्धारमैया सरकार के फैसले के खिलाफ हल्ला बोला है। उन्होंने कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार को एंटी हिंदू करार दिया है। उनका कहना है कि यह सरकार हिंदू विरोधी नीतियां अपनाकर अपना खाली खजाना भरना चाहती है। भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस सरकार के मंत्री रामालिंगा रेड्डी ने कहा कि भाजपा धर्म को लेकर राजनीति कर रही है बल्कि कांग्रेस हिंदू धर्म की सबसे बड़ी हितकारी है।
इस पर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक सरकार हिंदू समुदाय का इस्तेमाल अन्य धर्मों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को हिंदू मंदिरों से करीब 445 करोड़ रुपये का राजस्व मिला। जिसमे से सरकार ने वक्फ बोर्ड को 100 करोड़ रुपये और ईसाई समुदाय को 200 करोड़ रुपये और हिंदू मंदिरों के लिए महज 100 करोड़ रुपये ही आवंटित किये हैं।
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हाय री सियासत: आंध्र प्रदेश में वोटरों को लुभाने के लिए कंडोम बांट रही पार्टियां, प्रदेश में सियासी उबाल
दरअसल यह खबर पढ़कर आप गहराई से सोचें कि भारतीय राजनीति का स्तर कितना गिर गया है। राजनेता अपने सियासी फायदे के लिए कितना गिरेंगे, यह सोचने वाली बात है।
आंध्र प्रदेश: भारत में सियासी दल चुनाव जीतने के लिए किस हद से गुजर सकते हैं यह किसी से छुपा नहीं है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव का ताजा उदाहरण सभी को मालूम है। दरअसल, भारत में वोटरों को लुभाने के लिए चुनाव के पहले शराब, पैसे, और साड़ियां आदि बांटना तो आम है। लेकिन आंध्र प्रदेश में सियासी दलों ने वोटरों को लुभाने के लिए घर-घर कंडोम के पैकेट बांटने शुरू कर दिए हैं। इसके लिए बकायदा कंडोम के पैकेट के ऊपर पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम भी छापा गया है। जिससे आंध्र प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है।
आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी एवं उसके प्रमुख विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी द्वारा पब्लिक में अपने चुनाव चिन्ह वाले कंडोम के पैकेट बांटे जा रहे हैं। पार्टी के चुनाव चिन्ह वाले पैकेट बांटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में सत्ता पर काबिज YSR कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी TDP दोनों के चुनाव चिन्ह वाले कंडोम के पैकेट बांटते हुए दिखाया जा रहा है। कार्यकर्ता ये पैकेट मतदाताओं को घर-घर जाकर दिए जा रहे हैं।
जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने एक्स पर की गई पोस्ट में टीडीपी को आड़े हाथों लेते हुए पूछा है कि पार्टी आखिर कितना नीचे तक गिरेगी? उन्होंने पूछा कि क्या कंडोम बांटने के बाद यह काम बंद हो जाएगा अथवा पार्टी जनता के बीच वियाग्रा भी बंटनी शुरू करेगी। कमाल की बात यह है कि दोनों पार्टियों ने कंडोम बांटने के लिए एक-दूसरे की आलोचना की है।
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