अनिल गुप्ता

लखनऊ: लखनऊ नगर पंचायत नगराम में पहले सांठ गांठ करके प्रधानमंत्री आवास को सरकारी तालाब की जमीन पर बनवा लिया गया अब वही आवास जो सरकारी जमीन पर बना था उसे मोहम्मद वसीम एवं मोहम्मद रिजवान को बेच दिया और शातिर खरीददारो ने उसे आवासी भूमि पर दिखाकर विक्रय अनुबंध (विला कब्जा) करा लिया। इस बारे में अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत नगराम विनीत श्रीवास्तव से जानकारी करने पर वह गुमराह कर कहते हैं कि इस तरह का कोई मामला नहीं है।
नोटिस के माध्यम से 3 दिन में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी से स्पष्टीकरण मंगा गया था लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी मामला ठंडे बस्ते में डाल रखा है। यह पूरा मामला नगर पंचायत कार्यालय नगराम के ठीक सामने स्थित सरकारी तालाब की जमीनों का है जिसमें अवैध कब्जेदार बेधड़क पक्के निर्माण करा रहे है। खानापूर्ति के नाम पर सिर्फ स्पष्टीकरण जारी करके एक दो लोगों के नाम मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
अब इस करोड़ों की जमीन पर कुछ भू माफियाओं की नजर हो गई है जोकि आबादी की जमीन दिखाकर सरकारी तालाब की जमीन की भी खरीद-फरोख्त करने लगे हैं। वही जब नोटिस को लेकर अधिशांसी अधिकारी विनीत श्रीवास्तव नगर पंचायत नगराम से बात करने की कोशिश की गयी। तो अधिशासी अधिकारी ने पत्रकारो को गुमराह करने की कोशिश की।
अधिशासी अधिकारी ने कहा की आप को बात करनी है तो उच्च अधिकारियों से जा कर बात करे मै तुम्हारे सवालों के जवाब नही दे सकता हूं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की नगर पंचायत नगराम मे हुए भ्रष्टाचार मे अधिशासी अधिकारी की कितनी मिली भगत होगी।