मनोज कुमार‚ समाचार संपादक

योगी सरकार ने कोरोना किट खरीद में धांधली के आरोपों की जांच एसआईटी से कराने का निर्णय लिया है। इस एसआईटी का नेतृत्व अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार करेंगी, जो अपनी रिपोर्ट 10 दिन में शासन को सौंपेंगी। अपनी ही सरकार के खिलाफ सुल्तानपुर में लंभुआ विधानसभा सीट से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने कोरोना किट में धांधली का मुद्दा उठाया था और जांच की मांग की थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी के सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने भी योगी सरकार योगी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। और सुल्तानपुर, गाजीपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में कोविड किट खरीदने को सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि
सुल्तानपुर में जिलाधिकारी ने 2600 रुपए की कोरोना किट 9950 रुपए में खरीदी। जबकि, ऑनलाइन खरीदने पर ऑक्सीमीटर की कीमत 800 रुपए, थर्मामीटर की कीमत 1800 रुपए है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कोरोना संक्रमण से लड़ने में पूरी तरह फेल है। और इस भीषण कोरोना काल में भी योगी सरकार भ्रष्टाचार के नए-नए अवसर तलाश रही है। जबकि प्रदेश सरकार के दो मंत्री, अधिकारी, कई स्वास्थ कर्मचारी और पत्रकार भी कोरोना संक्रमण से अपना जीवन गंवा चुके हैं।
