
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर रैली के दौरान डीडीयू रूट पर पलटने वाले ट्रैक्टर बरामद नहीं किया है। ट्रैक्टर के पलटने से किसान नवरीत सिंह की मौत हो गई थी। पुलिस जांच में पता चला है कि इस ट्रैक्टर से कई पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की गई थी। यही नहीं, दिल्ली पुलिस उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी कार्रवाई को बाधित करने की कोशिश कर रही है। आईटीओ हिंसा मामले का एक आरोपी दिल्ली पुलिस की जांच में शामिल है।
ये भी पढें:- लाल किला हिंसा मामले में पुलिस ने दो आरोपीयों को जम्मू से दबोचा…
दिल्ली पुलिस ट्रैक्टर को आईटीओ हिंसा मामले में अहम सबूत ले रही है। दिल्ली पुलिस अभी तक ट्रैक्टर जब्त नहीं कर पाई है। क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर को किसान नवरीत सिंह लेकर आया था। नवरीत की मौत के बाद वह नवरीत के साथ घटनास्थल से ट्रैक्टर को लेकर चले गए थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ट्रैक्टर पर होशियारपुर, पंजाब अथॉरिटी का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा हुआ था। दिल्ली पुलिस ने लंबे समय से होशियारपुर से ट्रैक्टर के मालिक के बारे में जानकारी मांगी है, लेकिन दिल्ली पुलिस को सोमवार शाम तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। पुलिस को यह भी नहीं पता कि ट्रैक्टर कहां है।
ये भी पढें:- गुजरात: भरूच केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 24 लोग घायल..
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का यह भी कहना है कि दिल्ली पुलिस अब उत्तराखंड और यूपी राज्यों में दबिस देने से बच रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इन राज्यों की पुलिस को क्राइम ब्रांच की टीमों ने मना कर दिया है। क्राइम ब्रांच के पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि आईटीओ के खिलाफ हिंसा के मामले में अब तक 150 से ज्यादा आरोपियों को नोटिस दिए जा चुके हैं। कुछ आरोपियों को दूसरी बार नोटिस जारी किए गए हैं।
