सलीम फारूकी संवाददाता

कैराना। पिछले करीब 50 सालो से कर्ण की नगरी कैराना में श्रीरामलीला मंचन के दौरान रामलीला का एक किरदार काल का जुलूस निकाला जाता रहा है। जिसमें हिन्दु व मुसलमान दोनो समुदाय के लोग बढ चढ का हिस्सा लेते आये है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कैराना में काल का जुलुस नही निकाला गया।
कर्ण की बसायी नगरी कैराना में पिछले करीब 50 सालो से श्रीरामलीला का मंचन किया जाता रहा है। रामलीला मंचन में एक किरदार काल का होता है। मौत रूपी काल लंका में तबाही मचाता है तो लंकापति रावण कहता है कि काल मेरे पैरो तले है। रावण युद्ध करके काल को बंदी बना लेता है।
रामलीला मचंन में शरीर पर काला रंग पोत कर व हाथ में तलवार लेकर काल का रूप धर कर कस्बे में युवको को दौडा दौडा कर घुमता है तो शाम के समय चौक बाजार में रावण काल से युद्ध करके उसे बंदी बना लेता है। काल के जुलूस में हिन्दुओ के साथ ही मुस्लिम समुदाय के युवक बढ चढ कर हिस्सा लेते रहे है।
लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते रामलीला का मंचन नही होने के कारण शनिवार को काल जुलुस भी नही निकाला गया। जिस कारण दोनो समुदाय के युवक निराश रहे। वही रामलीला कमेटी के सदस्य व रावण का किरादार निभाने वाले शगुन मित्तल एड ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण रामलीला व काल जुलूस नहीं निकाला जायेगा।
