
नई दिल्ली: कहावत है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता. इसी कहावत को यथार्थ करते हुए बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्टर सनी देओल (Sunny Deol) ने अपने साथी दीप सिद्धू से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार कर दिया है.
दीप पर गणतंत्र दिवस के दिन किसानों को भड़काने और लाल किले पर खालसा झंडा फहराने का आरोप लगा है. जिसके चलते किसी भी तरह की फजीहत से बचने के लिए अभिनेता और बीजेपी सांसद सनी देओल ने दीप सिद्धू से पल्ला झाड़ लिया है.
आपको बता दें कि 2019 में जब सनी देओल ने पंजाब में गुरदासपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. उस समय एक्टर दीप सिद्धू उनके सहयोगी हुआ करते थे. लेकिन सनी देओल ने पिछले साल दिसंबर में दीप सिद्धू (Deep Sidhu) के किसान आंदोलन में शामिल होने के बाद उससे दूरी बना ली थी.
सोमवार को किसान रैली के दौरान लाल किले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराए जाने की घटना के दौरान दीप सिद्धू वहां मौजूद थे. आरोप है कि दीप सिद्धू ने ही किसानों को हिंसा के लिए उकसाया और लाल किले पर धार्मिक झंडा भी लहरा दिया.
हालांकि दीप सिद्धू ने प्रदर्शनकारियों के इस कृत्य का यह कहकर बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर ‘निशान साहिब’ को लगाया था. ‘निशान साहिब’ सिख धर्म का प्रतीक है और इस झंडे को सभी गुरुद्वारा परिसरों में लगाया जाता है.
वही जिस प्रकार दीप सिद्धू का नाम इस हिंसा में मुख्य रूप से सामने आया तो उसके कुछ समय बाद ही अभिनेता और बीजेपी सांसद सनी देओल ने फजीहत से बचने के लिए एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने साफ-साफ लिखा कि दीप सिद्धू से मेरे या मेरे किसी परिवार के सदस्य का कोई लेना देना नहीं है.
बता दें कि पीटीआई-भाषा के मुताबिक, सिद्धू ने फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में दावा किया कि वह कोई योजनाबद्ध कदम नहीं था और उन्हें कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए जैसा कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है. सिद्धू ने कहा, ‘नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराने के लिए, हमने ‘निशान साहिब’ और किसान झंडा लगाया और साथ ही किसान मजदूर एकता का नारा भी लगाया.’