
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 22 साल पुराने गठबंधन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने एक और बड़ा झटका दे दिया है। कृषि बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से 22 साल पुराना नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार रात कोर कमेटी की बैठक के बाद गठबंधन से अलग होने का फैसला किया। मोदी मंत्रिमंडल से अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद से ही पार्टी पर राजग से अलग होने का दबाव था।
शिरोमणि अकाली दल की ओर से काफी वक्त पहले से ही मोदी सरकार के जरिए लाए गए कृषि बिलों का विरोध किया जा रहा है। विरोध के चलते अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने पहले ही केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि, तब अकाली दल ने एनडीए सरकार को समर्थन जारी रखने का ऐलान किया था। लेकिन अब अकाली दल ने कृषि बिल के विरोध में एनडीए से अलग होने का फैसला लिया है।
अकाली दल ने कहा है कि एमएसपी पर किसानों के उत्पाद की मार्केटिंग सुनिश्चित करने के अधिकार की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से केंद्र सरकार ने मना कर दिया। इसके कारण बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला करना पड़ा। पंजाबी और सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार की असंवेदनशीलता को देखते हुए ये फैसला किया गया है।
